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Sunday, February 22, 2015

The World news: वकत वक़्त की बात है

The World news: वकत वक़्त की बात है: कहा जाता है कि वक़्त एक सा नहीं रहता कभी अच्छा कभी बुरा आता है मगर इसका फैसला कौन करता है की कौन सा वक्त अच्छा है ? और कौन सा बुरा? क्या ...

वकत वक़्त की बात है

कहा जाता है कि वक़्त एक सा नहीं रहता कभी अच्छा कभी बुरा आता है मगर इसका फैसला कौन करता है की कौन सा वक्त अच्छा है ? और कौन सा बुरा? क्या सिर्फ परिस्थितियों के अनुसार ही परिवर्तन होते है? या परिवर्तन करने के लिए परिस्थितिया बनायीं जाती है? ये कुछ ऐसे सवाल है जो सभी के अंदर कभी न कभी किसी न किसी पल अवश्य आये होगे ! जब वक्त अच्छा हो तो सब अच्छा होता है सब मित्र सगे संबंधी साथ होते है और यदि वक्त बुरा हो तो सब बुरा होता है अपने भी साथ छोड़ देते है क्या वक्त अच्छे बुरे की पहचान कराता है? क्या वक्त इंसान को बनाता है ? कहते है वक्त के साथ सब कुछ बदलता है मनुष्य अपने रहने का ढंग बदलता है जैसी परिस्तिथियों में जाता है वैसा ढल जाता है पुरानी परम्पराए वक्त के  साथ बदली महिलाओ को पुरुषो के सामान समझा जाने लगा! मंत्रिमंडल से लेकर देश को चलाने तक हर जगह महिलाओ का वर्चस्व दिखाई देता है इन सबके बावजूद आज भी कई क्षेत्रो में महिलाओ को  कम आँका जाता है इसलिए नहीं की उनमे काबिलियत की कमी है या वो शिक्षित नहीं है इसका कारण है गलत मानसिकता कुछ ऐसे लोगो की मानसिकता जो आज के युग में भी ये सोचते है ! की महिला है इनके लिए बस इतना ही काफी है क्यों इतना काफी क्यों है? और हदें तय करने वाले ये होते कौन है? यदि एक कार्य को पुरुष और स्त्री दोनों करते है दोनों का वक्त और मेहनत एक जैसी ही लगती है तो प्रोन्नति पुरुस्कार का अधिकार सिर्फ पुरुष को ही क्यों?  उचे स्तर पर भले ही महिलाये देश का नाम रोशन कर रही हो ! उन्हें भरपूर सम्मान मिल रहा हो! लेकिन निचले स्तर पर रोज़मर्रा की जिंदगी में आज भी महिलाओ के साथ भेदभाव होता है जिसे देख कभी कभी मन करता है की उन पुरुषो को जवाब दिया जाये जो इस तरह की मानसिकता रखते है मगर फिर ये सोच के चुप हो जाते है कि वक्त कब किसका रहा है आज उसका अच्छा वक्त है कल  किसी और का होगा ! परिस्थितिया हमेशा एक सी नहीं रहती हमेशा परिवर्तन होता है देखना ये है कि अब जब परिस्थितिया परिवर्तित होगी! तो क्या असर होगा उन लोगो पर जो महिलाओ को सीढ़ी बनाकर आगे तो बढ़ना चाहते है लेकिन उनकी काबिलियत और मेहनत को कम आंकते है अपने से आगे बढ़ने नही देना चाहते ! ऐसी मानसिकता वाले लोग बिना महिला शक्ति के कभी कामयाब नहीं हो सकते ! वक्त वक्त की बात है जहा पहले महिलाओ को घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता था वहा आज कई महिलाये देश को गोरन्वित कर रही है कुछ समय और जल्द ही वह वक्त भी आएगा जब सहारा लेकर उचाईयो पर चढ़ने वालो को अपने सहारे की काबिलियत दिखाई देगी और वो सहारा (महिलाये) बिना किसी सहारे के आगे बढ़ दिखाएंगी !