Thursday, September 20, 2012
The World news: मुरादाबाद में भी दिखा बंद का असर
The World news: मुरादाबाद में भी दिखा बंद का असर: बंद का असर मुरादाबाद में भी दिखा। यहाँ सुबह से ही दुकाने बंद रही। बढती महंगाई का विरोध करते हुए पूरा मुरादाबाद बंद रहा। छोटी से लेकर ब...
मुरादाबाद में भी दिखा बंद का असर
बंद का असर मुरादाबाद में भी दिखा। यहाँ सुबह से ही दुकाने बंद रही। बढती महंगाई का विरोध करते हुए पूरा मुरादाबाद बंद रहा। छोटी से लेकर बड़ी दुकानों तक सभी पर ताले लगे रहे। मुरादाबाद की टाउन हाल मार्केट से लेकर बुध बाजार, पंजाबी मार्केट, स्टेशन रोड, कांठ रोड सभी जगह सन्नाटा चाय रहा । जगह जगह पुलिस कर्मी मोजूद रहे।इस भारत बंद सरकार पर कोई असर पड़े या न पड़े उन लोगो की जिंदगी पर असर जरुर पड़ेगा जिनके जीने का सहारा रोज की आमदनी होती है काश के सरकार ने इतने घोटाले न किये होते तो आज ये दिन न आता । घोटालो की पूर्ति करने के लिए सरकार ने महंगाई बड़ा दी जिस वजह से आम आदमी परेशान है कांग्रेस सरकार का ये कहना है की जहा कॉंग्रेस की सरकार होगी वहा एक साल में एक परिवार को 10 गैस सिलेंडर दिए जायेंगे । आज निकली सूचि में यूपी का नाम नही है क्यों सरकार को चलने वाले कांग्रेस है क्या? जनता के पैसे से सरकार चल रही है फिर कांग्रेस कौन होती फैसला करने वाली । जनता से वसूले जा रहे टैक्स से सरकार चलती है फिर भेदभाव करने वाली कांग्रेस कौन होती है। क्यों यूपी के साथ भेदभाव किया जा रहा है । कहा गया राहुल गाँधी का वो ढोंग जब वो दलित बस्तियों में जाकर गरीबो के घर भोजन करते थे खा गया राहुल गाँधी का वो भाषण जिसमे वो कहते थे की यूपी उनका दूसरा घर है।
यदि लगातार इसी तरह महगाई बढती रही तो वो दिन दूर नही जब इंसान बीमारी से न मरकर महंगाई से मारा जायेगा। खतरनाक बीमारी की तरह फैलती इस महंगाई को यदि जल्द नही रोका गया तो भारत की जनता भारत की सरकार का फैसला कर देगी।
Sunday, September 9, 2012
The World news: आरक्षण पर होता सियासी खेल
The World news: आरक्षण पर होता सियासी खेल: धर्म, भाषा, संस्कृति, नस्ल आधारित भेदभाव सदैव एक समस्या रहा है और यह भेदभाव कम या अधिक सभी समाजो में देखा जा सकता है। फिर भी भारतीय संवि...
आरक्षण पर होता सियासी खेल
धर्म, भाषा, संस्कृति, नस्ल आधारित भेदभाव सदैव एक समस्या रहा है और यह भेदभाव कम या अधिक सभी समाजो में देखा जा सकता है। फिर भी भारतीय संविधान में आरक्षण निति के माध्यम से महिलाओ और पिछड़े वर्गों को विशेष आधिकार दिए गये हैं प्रशन ये उठता है कि क्या आरक्षण निति वास्तव में इन वर्गों के लिए लाभकारी सिद्ध हुई है ये हमारे समाज की विडंबना ही है कि राजनितिक पार्टिया आरक्षण को एक हथियार के रूप इस्तेमाल कर रही हैं अनुसूचित जातियों और जनजातियो को पदोंन्नति में आरक्षण देने के पीछे यूपीए सर्कार 2014 के चुनाव के लिए निम्न जाति के वोट बैंक को अपनी तरफ करना चाहती है पदोंन्नति में आरक्षण बिलकुल गलत है इससे अयोग्य व्यक्ति योग्य व्यक्ति की जगह ले लेगा। जिससे योग्यता जैसे मानदंड मात्र शब्दों में ही दबकर रह जायेंगे ।
Subscribe to:
Comments (Atom)


