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Tuesday, December 27, 2011

लोकपाल बिल लोकसभा में पास कराया गया.

 लोकपाल बिल को लोकसभा में सरकार ने पास करा लिया है. लेफ्ट, बीएसपी और एसपी के सांसदों के वॉकआउट के बाद सरकार का लोकपाल बिल पास कराना तय माना जा रहा था।अब लोकपाल बिल राज्यसभा में बुधवार को पेश किया जायेगा.राज्यसभा में इसको पास करना आसान नही कहा जा सकता.
लोकसभा में पास करवाने के बावजूद सरकार लोकपाल को संवैधानिक दर्जा नहीं दिला पाई है। संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए कुल सांसदों के कम से कम 50 फीसदी और उपस्थित सांसदों के 2 /बहुमत की जरूरत थी। संवैधानिक दर्जे पर सरकार 2 वोट नहीं जुटा पाई। हालांकि पहले कहा गया कि संवैधानिक दर्जा मिल गया है लेकिन इस तरफ सरकार की हार के बारे में सुषमा स्वराज ने ध्यान दिलाया। बाद में प्रणब मुखर्जी ने इसे लोकतंत्र के लिए दुखद बताते हुए कहा कि उनके पास बहुमत नहीं था। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने की बात उठाई थी।    
संविधान संशोधन पर 394 सांसदों ने वोट दिया। 321 सांसदों ने संशोधन के पक्ष में जबकि 71 ने विरोध में वोट दिया। दो सांसद 2 गैरहाजिर रहे। दिन भर की बहस के बाद सरकार ने 10 संशोधन प्रस्ताव पास किए जिसमें विपक्ष के सारे प्रस्ताव गिर गए। 
आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने लोकपाल बिल में कुछ बदलाव किये है..............

  1. पीएम पर केस चलाने के लिए अब लोकपाल बेंच का 2/3 बहुमत काफी होगा। इस पर बीजेपी की मांग मानी गई। 
  2. कॉर्पोरेट , मीडिया संबंधी लेफ्ट का संशोधन गिरा। 
  3. अल्पसंख्यक आरक्षण पर बीजेपी की मांग ठुकराई। अल्पसंख्यकों को आरक्षण जैसा का तैसा। 
  4. लोकपाल के दायरे से सेना बाहर। 
  5. -लोकपाल की नियुक्ति के लिए पैनल में अब राज्यसभा में विपक्ष का नेता शामिल होगा। 
मनमोहन सिंह ने कहा.....
मनमोहन सिंह ने बिल पर विपक्ष की तमाम आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे के मुताबिक मजबूत लोकपाल बिल लेकर आई है। उन्होंने सभी पार्टियों से लोकपाल बिल को पास कराने के लिए सहयोग मांगा। 
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार का लोकपाल बिल संसद की भावना के अनुरूप है और कानूनबनाने का अधिकार केवल संसद के पास है। बाकी लोग केवल अपनी राय दे सकते हैं। उन्होंनेकहा कि बिल को तैयार करने में हर वर्ग की राय ली गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार कामानना है कि सीबीआई को लोकपाल के तहत काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती ,क्योंकि यह संविधान के दायरे से बाहर होगा।
बहस की शुरुआत में विपक्ष की नेता सुषमा स्‍वराज ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा। बीजेपी ने कहा कि यह बिल खामियों से भरा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को स्टैंडिंग कमिटी को फिर से वापस भेजे और दो-तीन महीने बाद इसे दोबारा पेश किया जाए। दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर लोकपाल बिल पास नहीं हुआ, तो देश बीजेपी को माफ नहीं करेगा
जेडीयू नेता शरद यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने लोकपाल बिल को कमजोर बताया.

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