बेनी प्रसाद वर्मा की फिसली जुबान ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। चुनाव आयोग को ललकारने वाले वाले, मुस्लिम आरक्षण पर बयान बिना सोचे समझे बयान देने वाले केंद्रीय इस्पात मंत्री अब भले ही पीछे हटते दिख रहे हों, लेकिन आयोग उनकी इन कोशिशों से अंजान है। यही वजह है कि वह अपने नोटिस पर अगली कार्रवाई का मन बना रहा है। इंतजार है तो बस बेनी के औपचारिक जवाब का।
केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के माफीनामे के बाद भी बेनी का हालिया बयान आयोग को बहुत नागवार गुजरा है। लिहाजा इस मामले को आयोग ही यूं ही नहीं छोड़ना चाहता है। संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो सख्त कदम उठाया जाएगा।बताते हैं कि आयोग ने बेनी को नोटिस भेजते समय ही इस मसले पर चर्चा कर ली है केंद्रीय इस्पात मंत्री को सोमवार शाम तक लिखित जवाब देने का समय दिया है। जवाब मिलने पर आयोग अपना निर्णय लेगा। ध्यान रहे कि खुर्शीद के मामले में आयोग ने राष्ट्रपति तक से लिखित शिकायत कर हस्तक्षेप का आग्रह किया था। उसके बाद खुर्शीद को पीछे हटना पड़ा था और लिखित रूप में माफी मांगनी पड़ी थी।
अरुण जेटली रविवार को आगरा में थे। होटल हॉवर्ड पार्क प्लाजा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सलमान खुर्शीद और बेनीप्रसाद वर्मा बार-बार ऐसी हरकतें कर रहे हैं कि वह चुनाव आयोग के हिस्ट्रीशीटर बन गए हैं।
केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद और बेनीप्रसाद वर्मा को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने हिस्ट्रीशीटर करार दिया। अरुण जेटली ने प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने का दावा करते हुए ऐलान किया कि सपा और बसपा से जिंदगी में कभी कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
जेटली ने कहा इस चुनाव में भाजपा बड़ी ताकत के रूप में उभरेगी।कांग्रेस और सपा को आड़े हाथों लेते हुए बोले कि उप्र में विधानसभा चुनाव से पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत में से 9 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिमों को देने की घोषणा कर दी। मुलायम सिंह ने कह दिया कि वह कांग्रेस से बढ़कर करेंगे। इसका मतलब सपा 18 प्रतिशत आरक्षण देने का मन बनाए है। उन्होंने कहा कि वोटों की राजनीति से हटकर भाजपा ही एकमात्र पार्टी है, जिसने पिछड़े वर्ग के अधिकार के लिए आवाज उठाई।90 के दशक की तरह परंपरागत वोट दोबारा भाजपा की ओर लौट रहा है। इसके बाद इसका फायदा भी भाजपा को मिल रहा है। केंद्र में तृणमूल कांग्रेस से खट्टे संबंधों से विचलित कांग्रेस यूपी में बसपा और सपा को अपने साथी के रूप में देख रही है, जबकि भाजपा कभी भी इनसे समझौता नहीं करेगी।उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा-बसपा का कार्यकाल डरावने सपने की तरह है।